अक्सर माता-पिता अपनी इच्छाओं और सपनों को अपने बच्चों पर थोपने की कोशिश करते हैं। वे यह भूल जाते हैं कि उनके बच्चे भी अलग व्यक्तित्व वाले इंसान हैं, जिनकी अपनी इच्छाएं, सपने और आकांक्षाएं हो सकती हैं। बच्चों को समझने और यह जानने की कोशिश करना कि वे वास्तव में क्या चाहते हैं, एक स्वस्थ और खुशहाल पारिवारिक जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
बचपन में बच्चों की दुनिया छोटी होती है, लेकिन उनके सपने बड़े होते हैं। वे अपनी पसंद और नापसंद के बारे में स्पष्ट होते हैं, भले ही वे उसे व्यक्त करने में सक्षम न हों। माता-पिता को धैर्य रखना चाहिए और अपने बच्चों के व्यवहार, उनकी बातों और उनके हावभावों को ध्यान से देखना चाहिए ताकि वे यह समझ सकें कि उनके बच्चे वास्तव में क्या चाहते हैं।
कई बार माता-पिता अपने बच्चों को वह बनने के लिए दबाव डालते हैं जो वे खुद नहीं बन पाए। वे अपनी अधूरी इच्छाओं को अपने बच्चों के माध्यम से पूरा करना चाहते हैं। लेकिन, यह बच्चों पर अनावश्यक दबाव डालता है और उन्हें अपनी पहचान और रुचियों को विकसित करने से रोकता है।
बच्चों से बात करना और उनकी राय जानना बहुत महत्वपूर्ण है। माता-पिता को उन्हें यह महसूस कराना चाहिए कि उनकी बातों को महत्व दिया जाता है। उन्हें ऐसे सवाल पूछने चाहिए जिनसे बच्चे खुलकर अपनी भावनाओं और विचारों को व्यक्त कर सकें। उन्हें बच्चों की बातों को ध्यान से सुनना चाहिए, भले ही वे कितनी भी छोटी या महत्वहीन क्यों न लगें।
बच्चों की रुचियों और शौक को जानना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। हर बच्चे की अपनी पसंदीदा चीजें होती हैं, चाहे वह कोई खास खेल हो, कोई शौक हो या कोई विषय हो। माता-पिता को अपने बच्चों की रुचियों को प्रोत्साहित करना चाहिए और उन्हें उन गतिविधियों में भाग लेने का अवसर देना चाहिए जिनमें उन्हें आनंद आता है।
बच्चों की जरूरतों को समझना भी जरूरी है। उनकी शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक जरूरतें अलग-अलग होती हैं और माता-पिता को इन जरूरतों को पूरा करने के लिए संवेदनशील रहना चाहिए। उन्हें अपने बच्चों को प्यार, सुरक्षा और समर्थन देना चाहिए।
कई बार बच्चे अपनी इच्छाओं को सीधे तौर पर व्यक्त नहीं कर पाते हैं। वे अपनी भावनाओं को व्यवहार के माध्यम से व्यक्त कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई बच्चा अचानक से जिद्दी हो जाता है या स्कूल जाने से कतराता है, तो यह किसी अंतर्निहित समस्या या अनकही इच्छा का संकेत हो सकता है। माता-पिता को इस व्यवहार के पीछे के कारण को समझने की कोशिश करनी चाहिए।
बच्चों को यह महसूस कराना महत्वपूर्ण है कि उनके माता-पिता उनसे प्यार करते हैं और उनकी परवाह करते हैं, चाहे वे कुछ भी चाहें या न चाहें। उन्हें यह विश्वास दिलाना चाहिए कि वे अपनी भावनाओं और विचारों को बिना किसी डर के व्यक्त कर सकते हैं।
अंततः, बच्चों को समझना और उनकी इच्छाओं का सम्मान करना एक सतत प्रक्रिया है। माता-पिता को अपने बच्चों के साथ एक मजबूत और खुला संवाद बनाए रखना चाहिए ताकि वे यह जान सकें कि उनके बच्चे वास्तव में क्या चाहते हैं और उन्हें उनकी जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकें। एक खुशहाल बच्चा वही होता है जिसे यह महसूस होता है कि उसके माता-पिता उसे समझते हैं और उसकी परवाह करते हैं।