गहमर वेलफेयर सोसाइटी गहमर द्वारा महिलाओं के हित में प्रकाशित पत्रिका एवरग्रीनलेडी की पहली सहायक संपादक के रूप में डॉ शालिनी बसेड़िया का चुनाव किया गया। यह पत्रिका महिलाओं के हित में उनके रोजगार, फिटनेस, लाइफ स्टाइल एवं ग्लैमर की दुनिया में नया कराने के उद्वेश्य से बनी है। इस पत्रिका के लाइफ स्टाइल कालम के सह-संपादक के रूप में डॉ शालिनी बसेड़िया जी का परिचय आपके समक्ष है।
डॉ. शालिनी बसेड़िया (दीक्षित)
सहायक प्रोफेसर, सिटीजन गर्ल्स कॉलेज, नैनी, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
जन्मस्थान: झांसी, उत्तर प्रदेश
शैक्षणिक योग्यता: बी.ए. – आर. कन्या डिग्री कॉलेज, झांसी
एम.ए. (संस्कृत) – मथुरा प्रसाद महाविद्यालय, कौच, जालौन
बी.एड – कानपुर विश्वविद्यालय
एम.एड – नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय, प्रयागराज
कार्यक्षेत्र व अनुभव:
डॉ. शालिनी बसेड़िया एक समर्पित शिक्षिका और समाजसेविका हैं, जो वर्तमान में सिटीजन गर्ल्स कॉलेज नैनी, प्रयागराज में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। शिक्षा के साथ-साथ वे सामाजिक उत्थान, महिला सशक्तिकरण और नवाचार आधारित रोजगार के लिए भी निरंतर प्रयासरत हैं।
विशेष कार्य और भूमिकाएँ:
नेटवर्क मार्केटिंग के प्रति जागरूकता अभियान, जिससे युवा और शिक्षित वर्ग को वैकल्पिक और सम्मानजनक आय का मार्ग मिल सके।
स्वास्थ्य एवं आर्थिक स्वतंत्रता के लिए महिलाओं को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध कराना।
‘आधुनिक समाचार’ की उपाध्यक्ष के रूप में महिला प्रतिभाओं को सम्मानित करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य।
भवानी वेलफेयर एनजीओ से जुड़कर दिव्यांग बच्चों की शिक्षा एवं आत्मनिर्भरता हेतु कार्य।
इंडियन स्पेस वीक की कोऑर्डिनेटर, जहाँ बच्चों और शिक्षकों को अंतरिक्ष विज्ञान और उससे संबंधित करियर से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
रुचियाँ:
- लेखन, कविता पाठ
- संगीत गायन
- पुस्तक पठन
- बागवानी
- सामाजिक जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय सहभागिता
दृष्टिकोण और प्रेरणा:
“भेड़ों की चाल चलना बंद करो,
स्वतंत्र आत्मनिर्भरता को अपनाकर
दूसरों के लिए भी रास्ता बनाते चलो।”
डॉ. शालिनी का मानना है कि आज का समय नवचिंतन और आत्मनिर्भरता को अपनाने का है। वे कहती हैं –
“जहां सम्मान गृहलक्ष्मी का होता है, वहीं देवताओं का वास होता है।”
संपर्क:
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